एक मासूमियत थी, जो कुछ तो अलग थी पर साथ थी शरारतें, और बहुत सी बदमाशियाँ। खो गयी एक मासूमियत थी, जो कुछ तो अलग थी पर साथ थी शरारतें, और बहुत सी बदमाशिया...
अब खड़ा हूं अकेला बेहद तन्हा एक सुकून के इंतजार में.........!! अब खड़ा हूं अकेला बेहद तन्हा एक सुकून के इंतजार में.........!!
प्रकाशमान इस धरती पर अस्तित्व अपना खोज रही हूं। प्रकाशमान इस धरती पर अस्तित्व अपना खोज रही हूं।
जो तुम्हारी परवाह करता हो जो तुम्हारी परवाह करता हो
हासिल जिन्हें किया है उन्हें खो भी सकते हैं हासिल जिन्हें किया है उन्हें खो भी सकते हैं
मानो लूट का माल बहार नहीं जाने देना है कोई सर उठाये तो बस सर कलम कर देना है। मानो लूट का माल बहार नहीं जाने देना है कोई सर उठाये तो बस सर कलम कर देना है।